चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम फैसले से पहले सियासी खेल; AAP के पार्षद पाला बदल रहे, BJP के साथ भी खेला होने की चर्चा
Chandigarh AAP Councillors Joins BJP Supreme Court Mayor Election
Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सियासी खेल होता दिख रहा है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि, आम आदमी पार्टी के करीब 3 पार्षदों की बीजेपी में जॉइनिंग हो सकती है। AAP अपने इन पार्षदों से संपर्क नहीं साध पा रही है। हालांकि, चर्चा यह भी है कि बीजेपी के भी 2 पार्षद आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। अगर ऐसा है तो यह कह सकते हैं कि खेल दोनों तरफ से चल रहा है। लेकिन स्थिति दोनों ही तरफ से स्पष्ट नहीं हो पा रही है। पहले कहा जा रहा था कि शनिवार रात तक आप के पार्षद बीजेपी में आधिकारिक तौर पर शामिल हो जाएंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है कि आप के ये तीन पार्षद किसी भी वक्त बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि, अगर ऐसा होता है कि आप के तीन पार्षद बीजेपी में आ जाते हैं और बीजेपी का कोई पार्षद नहीं टूटता है तो ऐसे में बीजेपी के पास पार्षदों की कुल संख्या 17 हो जाएगी। अगर सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा कराने का फैसला दिया तो इस स्थिति में स्पष्ट रूप से बीजेपी के पास बहुमत होगा। बीजेपी के 17 पार्षदों के वोटों के साथ एक सांसद और एक अकाली दल का वोट भी अलग से होगा। यानि बीजेपी के पास कुल वोट 19। जबकि इस स्थिति में आप के पास पार्षदों की संख्या केवल 10 रह जाएगी और इस तरह आप-कांग्रेस गठबंधन के पास कुल वोट (10+7) होंगे 17।
लेकिन अगर कहीं चर्चा के हिसाब से बीजेपी के 2 पार्षद टूट गए तो फिर इस स्थिति में बीजेपी के पास पार्षदों की संख्या होगी 15 और आप के पास पार्षद होंगे 12। और इस तरह आप-कांग्रेस गठबंधन के पास कुल वोट (12+7) होंगे 19। इस स्थिति में बीजेपी के पास बहुमत नहीं बचेगा। फिलहाल, अब देखना यह होगा कि यह होता क्या है? आने वाले समय में भी सारी तस्वीर साफ हो पाएगी।
कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई है। माना जा रहा है कि, इस सुनवाई में कोई फैसला आ सकता है। मेयर चुनाव को लेकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यी बेंच सुनवाई कर रही है। पिछले सुनवाई में CJI ने काफी तीखी टिप्पणी की थी। CJI चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव में गड़बड़ी के संबंध में पेश वीडियो को देखते हुए पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी। सीजेआई ने कहा था कि, पीठासीन अधिकारी ने जो किया है उसमें लोकतंत्र की हत्या की गई है। चुनावी प्रक्रिया का मजाक बनाया गया है। सीजेआई ने कहा कि, पीठासीन अधिकारी का यह कैसा व्यवहार है? वीडियो में साफ दिख रहा है कि पीठासीन अधिकारी कैमरे की तरफ बार-बार देख रहा है और बैलट पेपर ख़राब कर रहा है। क्या इसी तरह चुनाव करवाया जाता है?
CJI ने कहा था कि वीडियो में पीठासीन अधिकारी का व्यवहार साफतौर पर संदिग्ध है। इस अधिकारी पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या की नहीं होने दे सकते। जो कुछ भी होता हुआ दिख रहा है उससे हम बेहद हैरान हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने चंडीगढ़ मेयर के चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज और वीडियो रिकॉर्ड सुरक्षित करके हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रखने को कहे थे। साथ ही CJI ने अगली सुनवाई तक तब तक चंडीगढ़ नगर निगम की सभी बैठकों और फैसलों पर रोक लगा दी थी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा होगा?
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर जिस तरह से पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सख्त रुख अपनाया था और जैसी टिप्पणी की थी उसे देखकर तो लगता है कि दोबारा चुनाव कराने का आदेश जारी हो सकता है। वैसे भी सीजेआई ने कहा था कि, हम देख रहे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो दोबारा चुनाव भी कराया जाएगा।
पीठासीन अधिकारी ने 8 वोट इनवैलिड कर दिए
दरअसल, पूरा मामला 8 वोट इनवैलिड किए जाने से जुड़ा हुआ है। 30 जनवरी को मेयर चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आप-कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड कर दिए थे। जिसके बाद आप-कांग्रेस ने जमकर हंगामा काटा था और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने फैसला देने में देरी की तो इसके बाद आम आदमी पार्टी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
आप-कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि, पीठासीन अधिकारी ने बीजेपी को जिताने के लिए उसके 8 वोट अवैध तरीके से इनवैलिड किए हैं। क्योंकि बीजेपी को पता था कि गठबंधन के पास बहुमत है और जिसके चलते उसकी हार निश्चित है। आप-कांग्रेस गठबंधन ने एक वीडियो क्लिप भी जारी की है। जिसमें पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होने खुद गठबंधन के वोटों पर पेन से निशान लगाए और वोट खराब किए। बता दें कि, मेयर चुनाव में पूरी वोटिंग प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी।
आप-कांग्रेस गठबंधन का कहना है कि, बीजेपी ने पीठासीन अधिकारी के सहयोग से मेयर चुनाव में मनमाने ढंग और धक्केशाही से अपनी जीत तय की है। आप-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से याचिका में मांग की गई है कि मेयर चुनाव में बीजेपी और पीठासीन अधिकारी के फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त एक्शन हो और इस मेयर चुनाव को तत्काल अमान्य घोषित किया जाये।